पारद शिवलिंग कैसा होता है Options

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वैसे तो नर्मदेश्वर शिवलिगं श्रेणी के शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठा की जरूरी नहीं होती है और पारद शिवलिंग भी अपने आप में एक पवित्र लिंगम है पर फिर भी शिवलिंग को घर में स्थापित करने से पहले उसकी भली प्रकार पूजा अर्चना किया जाना बहुत आवश्यक है। आइये जानते है किसी भी पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा

पारद शिवलिंग तयार करणे खूप अवघड काम आहे. सर्वात पहिले पारा शुद्ध केला जातो. त्यानंतर विविध औषधी मिसळून द्रवरूप पाऱ्याचे बंधन केले जाते म्हणजे ठोस बनवले जाते.

ज्या घरात पारद शिवलिंग असेल तेथे धन धान्य, आरोग्य ,पद प्रतिष्ठा , सुख , भरभराटीचे असते.

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करते हुए शालिग्राम को पंचामृत से स्नान करवाएं।

उसके बाद आपको शिव जी की आरती करनी चाहिए और प्रसाद आदि लेना चाहिए।

विशेष ह्याने त्रास होतात लोकांना. म्हणून नीट विचार करून जर देवाला वेळ देता आला तरच पुढील क्रिया करा नाहीतर हा लेख फक्त माहिती म्हणून वाचल्याचे समाधान असू द्यात.

पारद के शिवलिंग यानी पारदेश्वर महादेव जी की पूजा click here की इतनी महान महिमा पुराणों और उपनिषदों में बताई गयी है

इसके पूर्व इस कवच को गंगाजल या कच्चे दूध की छींटे मारकर इसे शुद्ध करें।

तुम्ही भक्तिभावनेने त्या शिवलिंगाला देवघरात स्थान देऊ शकता. 

पारद शिवलिंग के स्पर्श करने मात्र से सकारात्मक ऊर्जा का शरीर में प्रवेश होता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है। शिवपुराण में बताया गया है कि अन्य शिवलिंगों के अपेक्षा पारद शिवलिंग की पूजा करने से हजार गुना फल मिलता है। बताया जाता है कि पारद की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश से हुई थी और घर में इसको रखने पर भगवान शिव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का स्थायी वास होता है।

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